उत्तराखंड के नौ पहाड़ी जिलों के अस्पतालों में रविवार से सामान्य सेवाएं बहाल हो जाएंगी

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उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार ने शनिवार को राज्य की चिकित्सा व्यवस्था और आर्थिकी को सुदृढ़ करने की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं। इसके अंतर्गत राज्य के नौ पहाड़ी जनपदों में जहां कोरोना का केस नहीं है, वहां के अस्पतालों में पहले की तरह ही रविवार से फिर चिकित्सा सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के जिन नौ पहाड़ी जनपदों में कोरोना का कोई मरीज नहीं है, वहां के अस्पताल  पूर्व की भांति खुल जाएंगे। इनमें उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले शामिल हैं। यहां के अस्पतालों में आम जनता का इलाज जैसे पहले किया जाता था, उनका इलाज उन अस्पतालों के माध्यम से रविवार से ही प्रारंभ कर दिया जाएगा। तमाम लोगों को अभी तक थोड़ी परेशानी हुई  लेकिन इससे अब उनकी परेशानी दूर होगी।
प्रदेश के चुनिंदा अस्पतालों में ही होगा कोविड-19 का इलाज
उन्होंने कहा कि कोरोना अस्पताल के रूप में मेला अस्पताल हरिद्वार, दून हॉस्पिटल देहरादून, निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर और सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में ही अब से कोरोना का इलाज होगा, बाकी अन्य अस्पताल पूर्व की भांति अपना कार्य करेंगे।
आर्थिकी के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया जाएगा, जो ये देखेगी कि कोरोना की वजह से जो अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है, उसकी हम कैसे भरपाई कर सकते हैं। कैसे हम लोकल रोजगार पैदा कर सकते हैं। अपने नौजवानों को काम दे सकते हैं और गरीबों की आर्थिकी को कैसे मजबूत कर सकते हैं। मंत्रिमंडलीय उप समिति में राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत व रेखा आर्य सदस्य के रूप में रहेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिग
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमारे  प्रदेश के ऐसे प्रवासी लोग, जिनका विभिन्न क्षेत्रों में अपना स्थान है, उनसे हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करेंगे। यानी हम कह सकते हैं कि रेबार 3 के तहत हम उन लोगों से परामर्श करेंगे ।
अर्थव्यवस्था के सुधार को मुख्यमंत्री करेंगे सीधा संवाद
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि  औद्योगिक, पर्यटन, कृषि, बागवानी, डेयरी व एमएसएमई क्षेत्रों के लोगों से वे सीधा संवाद करेंगे। उनके साथ बातचीत की जाएगी और उनका सुझाव लिया जाएगा कि कोरोना के बाद हमारी अर्थव्यवस्था को कैसे सुदृढ़ किया जाए।