उत्तराखंड के लिए राहतः देहरादून जिला हुआ रेड जोन से बाहर लेकिन हरिद्वार रेड जोन में

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उत्तराखंड
उत्तराखंड के लिए शुक्रवार को राहत भरी खबर दिल्ली से आई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना की ताजा स्थिति की समीक्षा की है। इसमें देहरादून को रेड जोन से बाहर करते हुए अब इसे नैनीताल के साथ ऑरेंज जोन में कर दिया गया है। इस तरह अब उत्तराखंड में सिर्फ हरिद्वार ही इकलौता जिला है, जो रेड जोन में है। अन्य 10 जिले पहले से ही ग्रीन जोन में हैं।
– देहरादून और नैनीताल जिला अब ऑरेंज जोन में
– राज्य के बाकी 10 जिले पहले से ही हैं ग्रीन जोन में
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन द्वारा सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को लिखे गये पत्र के साथ जो चार्ट भेजा है, उसके मुताबिक उत्तराखंड में अब केवल हरिद्वार जनपद ही रेड जोन में रह गया है और देहरादून तथा नैनीताल जनपद रेड जोन से ऑरेंज जोन में आ गये हैं। यह फिलहाल इन दोनों जनपदों के लिए सुखद समाचार है। राज्य के 10 जिले पहले से ही ग्रीन जोन में हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना मामलों की संख्या, डबलिंग रेट और परीक्षणों के हिसाब से रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों की नई सूची तैयार की है। इसमें बताया गया है कि कौन सा जिला किस जोन में आता है और वहां किस तरह की सख्ती बरती जाएगी। मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा गया है कि सभी राज्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे चिह्नित किए गए रेड और ऑरेंज जोन जिलों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का परिसीमन करें और उन्हें सूचित करें। किसी जिले को तब ग्रीन जोन माना जाएगा जब वहां पिछले 21 दिनों में कोरोना का कोई भी नया मामला सामने नहीं आएगा।
देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि देहरादून को रेड जोन से बाहर कर दिया गया है। अब यह ऑरेंज जोन में आ गया है। उन्होंने कहा कि राजधानी में कोई भी केस कम्युनिटी से नहीं आया है। जो मरीज थे, वे पहले से कंटेनमेंट जोन में थे, अब यह जिला ओरेंज जोन में आ गया है।
चार मई से सचिवालय और विधानसभा में 33 फीसदी कर्मचारी आएंगे 
देहरादून सचिवालय प्रशासन ने यहां नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। चार मई से अनुभागों में कार्मिकों की 33 प्रतिशत उपस्थित रहेगी। रोस्टर आधार पर कर्मचारी सचिवालय आएंगे। ड्यूटी के दौरान इन सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा। हालांकि लॉक डाउन के बाद से सचिवालय में केवल आवश्यक सेवा से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी ही आ रहे हैं।