ऊंचे ग्लेशियरों से घिरे रास्ते से होकर बाबा केदार की डोली पहुंची लिनचैली

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बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग से लिनचैली पहुंची। अब बाबा केदार की डोली मंगलवार को यहां से केदारनाथ पहुंचेगी।  29 अप्रैल को सुबह छह बजकर 10 मिनट पर बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे।
दरअसल, बाबा केदार की डोली रविवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई है। वाहन के जरिये निकली बाबा की डोली ने अपना पहला रात्रि प्रवास गौरीकुंड में किया और सोमवार को डोली दूसरे रात्रि प्रवास के लिए लिनचैली पहुंची। मंगलवार को यहां से बाबा की डोली अपने धाम केदारनाथ पहुंचेगी।
बाबा केदार की डोली ग्लेशियरों से होकर गुजर रही है। पैदल मार्ग पर 35 से 40 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर बने हुए हैं। डोली का रात्रि प्रवास पहले भीमबली बताया जा रहा था। बाद में डोली रात्रि प्रवास के लिए लिनचैली पहुंची।
बाबा केदार की डोली सोमवार को देर सांय भीमबली पहुंची। इस अवसर पर भगवान की पूजा अर्चना की गई। डोली को रात्रि प्रवास के लिए भीमशिला के पास रखा गया। इस दौरान पौराणिक रीति रिवाज के साथ पूजा की गई। मंगलवार को डोली केदारधाम पहुंचेगी।