कोरोना के दौर में मुस्तैद एसडीआरएफ, ऐप के माध्यम से चला रहे जागरुकता अभियान

0
557
एसडीआरएफ
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) उत्तराखंड पुलिस कोरोना से जंग में त्याग, सेवा, जोश और समर्पण से सुसज्जित वीर योद्धा के रूप में नजर आ रही है। बल के जवान आइसोलोशन वार्ड की सुरक्षा करने के साथ  जूम ऐप की सहायता से जागरुकता अभियान चला रहे हैं। प्रदेश के जनमानस को कोरोना संक्रमण से बचाने का सुरक्षा संदेश दे रहे हैं। कुल मिलाकर एसडीआरएफ के जवान हर स्थान में हर परिस्थिति में मुस्तैद नजर आ रहे हैं।
डिजिटल जागरुकता की बात करें तो एसडीआरएफ की प्रशिक्षण शाखा से 10 अप्रैल से प्रतिदिन 11 से 4 बजे  तक एसडीआरएफ के प्रशिक्षकों द्वारा कोरोना से बचाव एवं फैली हुई भ्रांतियों से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जा रही है। रोजाना जूम ऐप के माध्यम से लगभग 100 से अधिक पुलिस कर्मी, एवं जनसामान्य को जानकारी प्रदान की जा रही है। वर्तमान समय तक एसडीआरएफ द्वारा 6500 से अधिक पुलिस, होमगार्ड, पीआरडी, दुकानदार, फल विक्रेता, एवमं अन्य हितदायी संस्थाओं को कोरोना से बचाव सम्बन्धी जानकारी विभिन्न माध्यमों से प्रदान की गई है। प्रशिक्षण के माध्यम से स्वच्छता कैसे रखें, वैकल्पिक सेनेटाइजर कैसे बनाएं, कोरोना के लक्षणों की पहचान एवं सावधानियां जैसे विषयों पर जानकारी प्रदान की गई। इसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण को रोकने में जागरुकता को गति और ऊर्जा देने के साथ ही समय की बचत का सदुपयोग करना है। साथ ही प्रशिक्षण प्रदान करने में सामाजिक दूरी जैसे नियम भी बने रहते हैं।
एसडीआरएफ द्वारा अपने नियुक्त क्षेत्रों में अधिकाधिक पुलिसकर्मी, एनएसएस, एनसीसी छात्र एवं  जनसामान्य को जूम ऐप को अपने मोबाइल में इंस्टाल कर जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। ज्ञातव्य हो कि एसडीआरएफ ने  पूर्व में 2015 में नेपाल भूकम्प के समय भी व्यापक स्तर पर भूकम्प से बचाव सम्बन्धी जनजागरुकता अभियान चलाया था। साथ ही लक्सर एवं गोहरमाफी जैसे अनेक बाढ़ ग्रस्त संवेदनशील क्षेत्रो में मानवक्षति न्यूनीकरण हेतु अनेक नुक्कड़ नाटक, पम्पलेट वितरण, एवं व्याख्यानों के माध्यम से आमजनमानस को जागरूक किया था। साथ ही वैकल्पिक उपस्थित साधनों की सहायता से बाढ़ के दौरान सहायक उपकरणों को बनाने का प्रशिक्षण भी प्रदान किया था। वर्तमान समय तक एसडीआरएफ द्वारा लगभग 1.26 लाख से अधिक पुलिस, पीआरडी, होमगार्ड, भूतपूर्व सैनिक, युवा एवं महिला मंगल दल, स्कूली छात्र छात्राएं, एवं अनेक हितदायी संस्थाओं को आपदा जैसे अनेक विषयों में प्रशिक्षण दिया गया है।
मौजूदा समय में एसडीआरएफ में केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोजिकल, एवं न्यूक्लियर (सीबीआरएन) प्रशिक्षित 38 सदस्यीय बायलॉजिकल डिजास्टर कोरोना से निपटने को नियुक्त हैं। इनके द्वारा पूर्व में मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ पुणे से सीबीआरएन टीओटी कोर्स किया गया है। साथ ही अन्य सदस्यों द्वारा भी 5 बीटीएन एनआरई पुणे, एवं फायर सर्विस ट्रेंनिग इंस्टीट्यूट हैदराबाद से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। प्रशिक्षित टीम द्वारा प्रदेश में पूर्व में हुई सीबीआरएन डिजास्टर मॉक ड्रिल में भी प्रतिभाग किया गया था। एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस प्रदेश में अटल हिमालय की भांति कोरोना जैसी विभीषिका रखने वाली महामारी में जनसेवा के लिए 24 घंटे मुस्तैद है।
प्रदेश के आठ आइसोलेशन वार्ड में एसडीआरएफ के जवान हर समय सुरक्षा के दृष्टिगत तैनात हैं। साथ ही एसडीआरएफ सेनानायक तृप्ति भट्ट के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में एसडीआरएफ ऑफिसर्स को कोरोना नोडल ऑफिसर भी नियुक्त किया गया है। स्वयं सेनानायक भी एसडीआरएफ द्वारा प्रदेश में चल रहे कोविड 19 संक्रमण बचाव प्रशिक्षण/जागरुकता अभियान का पर्यवेक्षण करती हैं और समय-समय मे आवश्यक दिशा-निर्देश भी निर्गत किये जा रहे हैं। इसके साथ ही समय-समय पर आइशोलेशन वार्ड में नियुक्त कर्मियों की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।