उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में शनिवार से ई-चालान व्यवस्था लागू हो गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज यहां पुलिस लाइन में इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जनपदों के लिए इन्टरसेप्टर भी रवाना किये। मुख्यमंत्री के समक्ष ई-चालान के लिए यातायात निदेशक केवल खुराना एवं एसबीआई के डीजीएम बीएल सैनी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। ई-चालान व्यवस्था लागू होने से यह भी पता चल सकेगा कि किस व्यक्ति का नियमों का उल्लंघन करते हुए कितनी बार चालान काटा गया है। किसी व्यक्ति का तीन बार चालान कटने के उपरान्त ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त हो जायेगा।
- मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जनपदों के लिए रवाना किए इन्टरसेप्ट
- तीन बार चालान कटने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस हो जाएगा रद्द
- नियम तोड़ने वालों पर नकेल कसने के लिए ‘ट्रैफिक आई उत्तराखंड एप’ लांच
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात के नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। सड़क सुरक्षा के लिए निरन्तर जागरुकता कार्यक्रम चलाना जरूरी है। यातायात का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस द्वारा सख्ती बरतने पर पिछले एक साल में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। यातायात के नियमों के पालन हेतु सबको अनुशासित होना होगा। पुलिस का उद्देश्य चालान काटना नहीं बल्कि लोगों की जीवन की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए। चालान एवं दंड नियमों के पालन में सहायक तो हो सकते हैं परन्तु अनुशासन ही दुर्घटनाओं से बचाव का एकमात्र रास्ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में यातायात व्यवस्थाओं के लिए पुलिस विभाग को 20 और वाहनों को स्वीकृति दी गई है।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि पुलिस का कार्य अनुशासन के साथ कठिन परिस्थितियों एवं चुनौतियों से निपटने का होता है। जनता की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस की होती है। किसी भी व्यवस्था का मूल उद्देश्य लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। पुलिस का उद्देश्य चालान काटना नहीं बल्कि लोगों के जीवन की रक्षा करना है। उत्तराखण्ड में प्रतिवर्ष लगभग 5 करोड़ लोग उत्तराखण्ड आते हैं। पर्यटन से उत्तराखण्ड की आर्थिकी में सुधार होता है। जो पर्यटक उत्तराखण्ड आते हैं, उससे भी प्रदेश में वाहनों की संख्या काफी बढ़ती है। ई-चालान व्यवस्था से जहां कम मानव संसाधन की जरूरत होगी वहीं यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों का ऑनलाइन चालान काटा जायेगा। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर अभी और जागरूकता की जरूरत है। पिछले एक वर्ष में यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर 14 लाख चालान किये गये।
गौरतलब है कि आज ‘ट्रैफिक आई उत्तराखंड एप’ भी लांच की गई, जिसकी मदद से ट्रैफिक का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति का फोटो खींचकर कोई भी पुलिस को भेज सकता है। इसे फोन में गूगल प्ले स्टोर से अपलोड किया जा सकता है। इसका उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करना और नियम तोड़ने वालों में दंड का भय पैदा करना है। इस अवसर पर विधायक हरबंस कपूर, विनोद चमोली, 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, डीजी कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार, निदेशक यातायात केवल खुराना, डीआईजी अरुण मोहन जोशी एवं पुलिस एवं एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।