देहरादून, उत्तराखंड तकनीकि विश्वविद्यालय का नया कारनामा सामने आया है। विवि के दो अलग-अलग कोर्स की परीक्षाओं में एक जैसे प्रश्नपत्र बांटे गए। लेकिन प्रश्नपत्रों में पूछे गए सवालों में 90 प्रतिशत समानता थी। 11 और 12 जून को आयोजित हुई इन विषयों की परीक्षा में मामला सामने के बाद अब विवि प्रशासन जांच कर कार्रवाई की बात कर रहा है। उत्तराखंड तकनीकि विश्वविद्यालय (यूटीयू) में परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी कोई नई बात नहीं है। बीते कुछ वर्षोंं में परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों को लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं।
इस ताजा मामले में विवि के दो अलग-अलग विषयों के प्रश्नपत्रों में 90 फीसद समानता देखने को मिली। विवि के बीए एलएलबी और बीबीए एलएलबी द्वितीय सेमेस्टर परीक्षा के प्रश्नपत्र और एलएलबी इविन सेमेस्टर के कॉन्स्टीट्यूशनल लॉ-2 की परीक्षा के प्रश्नपत्रों में एक या दो नहीं बल्कि 90 प्रतिशत तक समानता देखी गई। दोनों परीक्षओं के प्रश्नपत्रों में एक जैसे सवालों को समान अंकों के साथ पूछा गया। मामला प्रकाश में आया तो विवि प्रशासन के होश उड़ गए। हालांकि मामले में अभी तक कोई भी दोषी सामने नहीं आया है और न ही विवि प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
प्रश्न पत्र में सवाल के अंक भी समान
प्रश्नपत्रों की समानता पर गौर करें तो बीए एलएलबी व बीबीए एलएलबी के प्रश्नपत्र में तीसरे नम्बर पर पूछे गए सवाल में जहां अनुच्छेद 19 (1)(जी) एवं अनुच्छेद 301 में अंतर पूछा गया। दूसरी ओर एलएलबी इविन सेमेस्टर में यह सवाल पहले नम्बर पर दिखा। इसके बाद दूसरे सवाल में संसद के विभिन्न अवयव क्या हैं? सवाल आया तो यही सवाल बीए एलएलबी और बीबीए एलएलबी चौथे नम्बर पर पाया गया। इसी प्रकार बीए एलएलबी एवं बीबीए एलएलबी के प्रश्नपत्र में जो सवाल एक के बाद एक क्रम में देखने को मिले, प्रश्नपत्रों के सेक्शन तक समान पाए गए।
दो अलग-अलग कोर्स और सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्नपत्रों को एक जैसा होना कहीं न कहीं विवि की विश्वस्नियता पर प्रश्नचिन्ह लगाने के साथ ही विवि प्रशासन की कार्यशैली और सतर्कता को भी सवालों के घेरे में खड़ा करता है।