यूपी सिंचाई विभाग द्वारा भागीरथी बिन्दु से मायापुर चैकडेम तक गंगा क्लोजर के विरोध में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने कृषि उत्पादन मण्डी समिति अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय चोपड़ा की अगुवाई में मोती बाजार, पुरानी सब्जी मण्डी चैक पर यूपी सिंचाई विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।
यूपी सिंचाई विभाग पर हठधर्मिता व तुगलकी फरमान का आरोप लगाते हुए दशहरे से दीपावली तक गंगा क्लोजर को अनैतिक रवइया बताया। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने यूपी सिंचाई विभाग गंगा क्लोजर व सफाई व्यवस्था के नाम पर करोड़ो रुपये के बजट की बंदरबाट का आरोप लगाते हुए गंगा सफाई बजट की सीबीआई जांच की भी मांग की। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गंगा क्लोजर व हिन्दुओं की आस्था से जुड़े मुद्दे को लेकर पत्र लिखकर शिकायत की।
दशहरे से दीपावली तक त्यौहारों के संगम पर गंगाबंदी के फैसले को जनहित में स्थगित करने की मांग की। इस अवसर पर संजय चोपड़ा ने कहा कि अर्से से उत्तराखण्ड बनने के उपरांत धार्मिक व राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा दशहरे से दीपावली तक गंगा क्लोजर का पुरजोर विरोध करते चले आ रहे है। वहीं माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा भी यूपी सरकार सिंचाई विभाग को स्पष्ट आदेश किये हुए हैं कि त्यौहारों पर गंगा बंदी का कोई औचित्य नहीं हैं और दशहरे से दीपावली तक गंगा क्लोजर नहीं किया जाना चाहिये।
उन्होंने यह भी कहा अधिक माह होने के कारण त्यौहार एक महीना पहले ही प्रारंभ हो गये हैं। अमूमन दीपावली नवम्बर में हुआ करती है और अब अक्टूबर में ही दशहरा व दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में यूपी सिंचाई विभाग मात्र गंगा सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये के बजट को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से कार्य कर रहा है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
व्यापारी नेता राजेश खुराना ने कहा कि, “भागीरथी बिन्दु से लेकर मायापुर चैकडेम तक पर्याप्त रूप में जल का प्रवाह निरन्तर बना रहना चाहिये। देश विदेश से आ रहे तीर्थ श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थियों के विसर्जन व कर्मकाण्ड के उद्देश्य से हरिद्वार आते हैं। जब उन्हें गंगा जलविहिन दिखाई देती है उस वक्त आस्था पर कुठाराघात सा प्रतीत होता है ऐसे में केन्द्र में भाजपा की सरकार है और यूपी उत्तराखण्ड में भी भाजपा की सरकार है। ऐसे में आस्था व धार्मिक कर्मकाण्ड प्रभावित होना व गंगा को बंद करना तर्कसंगत नहीं है।”