आपदा में न बचे खेत-खलिहान, आवाजाही के रास्ते भी हुए ध्वस्त, ग्रामीण करें तो क्या करें?

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बीते 13 अगस्त की आपदा ने चमोली जिले के कौंज पौथनी ग्राम पंचायत को पूरी तरह से तहस नहस कर रख दिया है। ग्रामीणों के खेत खलिहान के साथ ही अधिकांश परिवारों के घर, गौशालाएं ध्वस्त हो गई हैं। आने-जाने के रास्ते बंद पड़े हैं, जिससे स्कूली बच्चे 14 अगस्त से अभी तक स्कूल नहीं जा पाये हैं।

मवेशी गौशालाओं में कैद होकर रह गये हैं। इसको लेकर सोमवार को प्रभावित परिवारों की महिलाओं के साथ पुरुष किसी तरह जिलाधिकारी के पास पहुंचे और अपनी व्यथा रखी। ग्रामीणों ने गांव को विस्थापित किये जाने के साथ ही आवाजाही के रास्तों को खोलने की मांग की है।

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ग्राम प्रधान कौंजपौथनी कुंदन सिंह कठैत, सरपंच सरिता देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य ममता देवी, नंदी सिंह कठैत ने कहा कि आपदा के कारण उनके गांवों का संपर्क कट गया है। इस कारण अधिकारी भी गांव तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। उनके पाल्यों का भविष्य बर्बाद होता जा रहा है। पैदल रास्ते बंद होने के कारण 14 अगस्त से अभी तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाये हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि कौंज पौथनी ग्राम सभा के सभी तोक गांवों को विस्थापित किया जाए। इससे पहले ग्रामीणों को गांव से बाहर निकालने के लिए पैदल रास्तों का सुधारीकरण किया जाए। इस मौके पर जोत सिंह, राजबर, नरेंद्र लाल, प्रदीप लाल, सुशीला देवी, संत लाल आदि मौजूद थे।

जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया है कि मंगलवार को उपजिलाधिकारी चमोली गांव का निरीक्षण कर वस्तु स्थिति की जानकारी लेंगे और गांव का सर्वेक्षण करवा कर विस्थापन की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।