ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में शनिवार को विराट हिन्दुस्तान संगम का राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज, डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि भारत की महान, विशाल और गौरवशाली सभ्यता और विरासत है, उससे जो खोया उसका गम नहीं जो बचा है, वह किसी से कम नहीं, अभी भी इस देश के पास देने के लिये बहुत कुछ है। हमें इस देश की विशालता, विरासत में मिली है। परन्तु उस विरासत को हमने सियासत में खो दिया अब समय आ गया है, हम सियासत को भूलें और विरासत को सम्भालें। हमें इस देश की माटी से संस्कृति और संस्कार मिले हैं, जिससे हम समृद्ध हैं। इसलिए हम स्वयं को भी विराट समझें। हमें सर्वे भवन्तु सुखिनः, वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति और संस्कार मिले हैं, इसके साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों ने विश्व को बाजार बना दिया, परन्तु भारत में कहां विश्व बाजार नहीं है, विश्व तो एक परिवार है, उस परिवार को एक-दूसरे के साथ जोड़ते हुए, जुड़ते हुए अपने देश की महान विरासत को सबके साथ बांटे। उन्होंने कहा कि चारों ओर व्याप्त समस्याओं का समाधान कहीं और नहीं है बल्कि ’हम हैं समाधान’।
स्वामी चिदानंद ने सुन्दर पंक्तियों में इस विराट हिन्दुस्तान संगम को परिभाषित करते हुए कहा कि आज गंगा तट पर समानता और समरसता पर संगम हो रहा है, जिसमें विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु ’मानव-मानव एक समान सबके भीतर है भगवान’ का संदेश प्रेषित करेंगे। उन्होंने कहा कि सबके भीतर एक ही भगवान विराजमान हैं तो फिर क्यों किसी के साथ द्वेष, विरोध, जातिवाद, परिवारवाद, नक्सलवाद और अनेक वाद खड़े कर लिए हैं, इन सब वाद-विवादों का मिटाते हुए, हटाते हुए शान्तिपूर्ण संवाद की स्थापना हो यही है, इस सम्मेलन का उद्देश्य।
स्वामी ने सम्मेलन में समरसता और स्वच्छता का संदेश देते हुए कहा कि सद्भाव एवं समरसता के विचार ही इस देश का संगम निर्माण करता है, हम जब तक इस विराटता और विशालता को बनाएं रखेंगे, तो ये देश का संगम बना रहेगा। भारत ने सदैव समाधान का संदेश दिया है और आगे भी देता रहेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की यही मांग है कि हम सब मिलकर कार्य करें, मिलकर चले ,संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का दूसरा सत्र सायं 4ः30 बजे से आरम्भ हुआ, जिसमें विभिन्न धर्मों यथा हिन्दु, मुस्लिम, सिक्ख, जैन, ईसाई एवं अन्य धर्मों के धर्मगुरु एवं भारत के प्रबुद्ध वक्ताओं ने शिरकत की। शनिवार को इस सत्र में बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मुख्य वक्ता के रूप में सहभाग किया। इसके अलावा सत्र में मंत्री प्रकाश पंत, कृषि मंत्री, सुबोध उनियाल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, चेयरमेन नगर पालिका दीप शर्मा, हांगकांग के योग में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डरयोगराज सी पूवेन्द्रण, दातुक सेरी आर एस थिनेन्थिरण जी, संस्थापक अध्यक्ष शान्ति फाउंडेशन मलेशिया, प्रोफेसर डॉ. केतुक विध्न्या, महासचिव बिमस हिन्दु, इंडोनेशिया, अगस इंद्र उदायना, संस्थापक, अध्यक्ष गांधी पुरी आश्रम, इंडोनेशिया सहित अन्य अतिथियों ने सहभाग किया।