उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के ट्रैकिंग व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय पर्वतारोहण एजेंसी द्वारा एक नए ट्रैक रूट को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। नेहरू माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षित व माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके विष्णु सेमवाल द्वारा 6,543 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग परिक्रमा की योजना बनाई जा रही है जिसके तहत दुनिया भर से आने वाले पर्वतारोही शिवलिंग पीक के चारों तरफ से ट्रैक कर कुछ अनछुए स्थानों को देख सकेंगे। इस नए ट्रैक रूट का सर्वे करने के लिए विष्णु द्वारा इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) व गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों से परमिशन मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगर यह रूट खुल जाता है तो गढ़वाल क्षेत्र के पर्वतारोहण व्यवसाय में नई जान आ जाएगी।
दुनिया भर के ट्रैकरों व पर्वतारोहियों के लिए जिले की पर्वत श्रृंखलाएं हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रही हैं। यहां की भागीरथी, चौखंभा, गंगोत्री, बंदरपूंछ आदि चोटियों पर पूरे सीजन कई अभियान दल आते रहते हैं, लेकिन पर्वतारोहण प्रेमियों को हर समय कुछ नए एडवेंचर की तलाश रहती है जिसके लिए स्नो स्पाइडर ट्रैक एंड टूर के विष्णु द्वारा कैलाश मानसरोवर की तर्ज पर शिवलिंग पीक के परिक्रमा ट्रैक को विकसित करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि गंगोत्री से करीब 23 किमी दूर व 4,463 की ऊंचाई पर स्थित तपोवन से इस ट्रैक की शुरुआत होगी। जिसके बाद पर्वतारोही शिवलिंग पीक में चढ़कर मेरु ग्लेशियर व गंगोत्री ग्लेशियर होते हुए तपोवन बेस कैंप पहुंचकर परिक्रमा पूरी करेंगे, जिसमें अनुमानित चार से पांच दिनों का समय लग सकता है।
विष्णु ने बताया कि फिलहाल आईएमएफ व वन विभाग के अधिकारियों से परमिशन मांगी जा रही है। इसके मिलते ही कुछ अनुभवी पर्वतारोहियों के साथ इस रूट का सर्वे किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेजी जाएगी। अगर सब योजना के अनुसार रहा तो अगले सीजन तक दुनिया भर के पर्वतारोहियों को एक नया अनुभव मिलेगा। वहीं, प्रसिद्ध पर्वतारोही पद्मश्री चंद्रप्रभा एतवाल का कहना है कि नए ट्रैक की खोज करना किसी भी पर्वतारोही के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है लेकिन इसके लिए काफी साहस व अनुभव की जरुरत होती है। जिसमें आईएमएफ व विशेषज्ञों की परमिशन व राय लेना भी जरुरी है।