देहरादून। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने ईवीएम मशीन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे बैलेट का चुनाव निष्पक्ष है। इसलिए बैलेट प्रक्रिया ही चनुावों में दोबारा अपनाई जाए। साथ ही उन्होंने प्रदेश में जल रहे रहे जंगलों और निकाय चुनाव पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय में नेता प्रतिपक्ष ने इंदिरा हृदयेश ने पत्रकारों से बातचीत में यह आरोप लगाए। उन्होंने केन्द्र सरकार को तानशाह सरकार की संज्ञा देते हुए कहा कि विपक्ष की भूमिका को सरकार दबा कर लोकतंत्र का गला घोट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की जांच एजेंसियां बदले की भावना से कार्य कर रही है जबकि भाजपा समर्थित लोगों को भ्रष्टाचार करने का सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश में निकाय चुनाव को जानबूझ कर टालने का सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मई जून में चुनाव होने वाला था लेकिन सरकार की मंशा सही नही है। उन्होंने कहा कि आज तक आरक्षण और परिसीमन का काम पूरा नही हुआ। सरकार बात अपनी बात मनवाले के लिए न्यायालयों के हर निर्णयों पर डबल बेंच में जाकर चुनाव टालना चाह रही है। ऐसे में राज्य का विकास पर बूरा असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को विकास नही सत्ता की हनक है। आम चुनावों से लेकर उपचुनावों में जिस तरह ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की शिकायत सुनने मिल रही है यह स्वच्छ लोकतंत्र के बहुत ही घातक है। इसलिए निर्वाचन को ऐसी प्रणाली को तुरंत बदल कर बैलेट वाली फिर से व्यवस्था लागू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व कही भी ईवीएम प्रणाली नही है लेकिन भारत में इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में जल रहे जंगालों पर केन्द्र और राज्य सरकार की नाकामियों का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बिना सवाल किए कुछ भी करने को तैयार नही है। जंगलों में लगी आग से लोगों में भय का माहौल बना हुआ। उस रास्ते से यात्रा करने में बच्चे और परिवार भयभीत है लेकिन सरकार पर असर नही पड़ने वाला है।