जलियांवाला बाग कांड की 100वीं बरसीं पर अमृतसर पहुंचे उपराष्ट्रपति

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अमृतसर, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अपराह्न अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। उन्होंने शहीदी स्मारक पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर उन्होंने शहीदों समर्पित एक डाक टिकट और सौ रुपये का सिक्का भी जारी किया।

डाक टिकट पर शहीदी कुआं और शहीदी स्मारक का चित्र है। केंद्र सरकार के इस समारोह में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर भी उनके साथ थे। पंजाब सरकार की तरफ से मंत्री ओम प्रकाश सोनी इस समारोह में शामिल हुए।

ठीक 100 वर्ष पूर्व अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को रौलट एक्ट का विरोध करने के लिए हो रही एक सभा में जनरल डायर नाम के अंग्रेज अधिकारी ने अकारण ही गोलियां चलवा कर सैकड़ों निहत्थे लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। राज्य के रिकॉर्ड में जलियांवाला बाग़ कांड में मौत का शिकार हुए लोगों की संख्या 379 दर्ज़ है। जिला प्रशाशन के कार्यालय में शहीद हुए लोगों की संख्या 484 है। उन दिनों कांग्रेस की आकलन समिति द्वारा तैयार की गई सूची में शहीदों की संख्या 1000 से अधिक थी यानी 100 वर्षों में अभी तक ये भी तय नहीं हो पाया है कि शहीदों की वास्तविक संख्या कितनी थी। माना जाता है कि जलियांवाला बाग की घटना ही भारत में ब्रिटिश शासन के अंत की शुरुआत बनी।

समारोह की शुरुआत कव्वाली से हुई और राष्ट्रपति के आने के बाद शबद प्रस्तुत किया गया। इस दौरान समारोह में कुछ पलों की एक वीडियो भी प्रदर्शित की गई, जिसे बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया। इसमें बताया गया कि इस स्थल की व्यवस्था कैसे की जाएगी। शहीदों को नमन करने के बाद उप राष्ट्रपति लौट गए।

समारोह में पंजाब भाजपा के अध्यक्ष श्वेत मलिक समेत भाजपा व अकाली दल के नेता थे। गौरतलब है कि सुबह पंजाब सरकार की तरफ से भी जलियांवाला बाग़ में श्र्द्धांजलि समारोह किया गया, जिसमे राहुल गांधी पहुंचे थे।