पिथौरागढ़, तापमान में आई गिरावट के कारण एशिया की सबसे ऊंची पंपिंग घाट पेयजल योजना के पाइप लाइन फट गई। इसके चलते पिथौरागढ़ नगर सहित आस-पास के गांवों की एक लाख की आबादी दो दिन से पानी के लिए तरस गई है। ऊपर से एनएच द्वारा डाले जा रहे मलबे के कारण भी पेयजल लाइन को क्षति पहुंची है।
पिथौरागढ़ नगर के लिए अस्सी के दशक में घाट नामक स्थान से सरयू नदी से पंपिंग पेयजल योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत सरयू नदी किनारे घाट में 454 मीटर की ऊंचाई से पिथौरागढ़ नगर में 1600 मीटर की ऊंचाई तक पानी पंपिंग कर पहुंचाया जाता है। 30 किमी लंबी इस योजना के तहत चार स्थानों पर पंप हाउस बने हैं। नगर के सर्वाधिक ऊंचाई वाले लोनिवि निरीक्षण भवन के निकट स्थित टैंककें चार स्थानों पर पंपिंग के बाद पानी पहुंचता है।
लंबी पेयजल योजना कभी भूकटाव तो कभी टनकपुर-तवाघाट हाईवे में किए जा रहे कार्य के दौरान मलबा डाले जाने से क्षतिग्रस्त होती रहती है। जिस कारण पाइपों की वेल्डिंग की जाती है। इधर तापमान में अचानक आए बदलाव के कारण वेल्डिंग फटने से जलापूर्ति ठप है। दो दिन से नगर सहित आसपास के गांवों की एक लाख की आबादी प्रभावित है। लोग पीने भर पानी के लिए परेशान हैं।
घाट पंपिंग पेयजल योजना में पानी नहीं आने पर जल संस्थान ने नगर में छह पेयजल टैंकर लगाए हैं। इसके अलावा ठूलीगाड़ पंपिंग पेयजल योजना की लाइन का पानी हनुमान मंदिर टैंक को शिफ्ट कर दिया है। हनुमान मंदिर से लगे क्षेत्रों में सुबह देर से कुछ स्थानों पर जलापूर्ति की गई। दिन में और सायं को नगर के कुछ अन्य स्थानों पर भी पेयजल लाइन में पानी चलाया जाएगा।