चार धाम यात्रा सर पर है और ऐसे में सरकारी की सिस्टम की लापरवाही वही मुलभुत सुविधाओं को लेकर सामने आ रही है। गर्मियों की दस्तक के साथ ही चार धाम के प्रवेश द्धार ऋषिकेश में जल संकट गहराने लगा है ,ऐसे में चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को जलसंस्थान की लापरवाही का खमियाजा भुगतना पद सकता है । 2017 की चार धाम यात्रा में काफी काम समय बचा है लेकिन गढ़वाल कॉमिशनर की ऋषिकेश में यात्रा तैयारियों के लिए हुयी बैठक के बाद भी विभाग अपनी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं ला रहे है।
यात्राकाल में देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश पहुंचते है लेकिन गंगा तट पर बसे इस शहर में जल संस्थान की कार्यप्रणाली से जल संकट अभी से गहराने लगा है स्थानीय लोग नाराज होकर लगातार जल संस्थान के चक्कर काट रहे है समस्या है की सुलझने का नाम नहीं ले रही है ,जिसके चलते आम लोगो में गुस्सा बना हुआ है। लगातार ऋषिकेश के कई छेत्रो में जल संकट गहराने लगा है चार धाम यात्रा बस टर्मिनल, कुम्हारबाड़ा, भैरव मंदिर, चंद्रेश्वर नगर, चंद्रभागा बस्ती और मायाकुंड में लगातार जल संकट देखा जा रहा है।
स्थनीय लोगो का आरोप है कि छेत्र में लगातार पानी की कमी होती जा रही है न पानी आने का कोई समय है और ना ही जलकर्मी समस्याओ को निस्तारण करते है। इधर जल संस्थान का कहना है कि वो अपनी तैयारी पर लगे हुआ है। अधिशासी अभियंता ऋषिकेश के अनुसार हमने ट्यूब वेळ बना दिया है उसमे बिजली का सयोजन होना बाकि है, वो होते ही पानी की कमी का निस्तारण हो जायेगा। सूरज की तपिश अप्रेल माह में ही सितम ढाने लगी है, ऐसे में बिजली और पानी की समस्या आम लोगो के लिए मुसीबत बनी हुयी है, ऐसे में सवाल उठता है कि कुछ दिनों बाद जब देश भर से तीर्थ यात्री ऋषिकेश पहुचेगे तो विभाग की कार्य प्रणाली उन पर कितना भारी पड़ेगी।