चुनाव प्रचार पर मौसम की मार

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चुनावी रण में उतरे प्रत्याशियों के लिये प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और बर्फ़बारी परेशानी का सबब बन गई है। पल-पल बदलते मौसम ने नेताओं के साथ साथ प्रशासन को भी मुश्किल में डाल दिया है।उत्तराखंड में मौसम की मार का खासा असर जनसंपर्क और चुनावी प्रचार पर पड़ रहा है। मौसम विभाग अभी आने वाले कुछ दिनों तक इस तरह के हालात बने रहने की आशंका जाता रहा है, लेकिन प्रत्याशियों की मानें तो यह कोई बाधा नहीँ है। बीजेपी के सुबोध उनियाल ने कहा-“देखिए बारिश हो रही है और इतनी बारिश में ढालवाला से चौदह बिघा तक जन सैलाब ने मेरा समर्थन देने का काम किया है इससे साफ पता चलता है कि जनता क्या चाहती है और आगे आगे देखिए होता है क्या”
ज्यादा उचाई वाले क्षेत्रों और सीमांत विधानसभाओं में प्रसाशन को चुनावी तैयारी के लिए मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है, भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रिय दल अपनी आपत्ति आयोग में दर्ज करा चुके हैं, ऐसे मे राज्य निर्वाचन आयोग भी पल-पल की रिपोर्ट पर नजर रखे हुए है। राज्य चुनाव आयुक्त राधा रतूड़ी का कहना है कि, “उत्तराखंड में इस मौसम में चुनाव प्रचार पर निगाह रखना और मतदान का आयोजन हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहा है। इस दौरान राज्य के उपरी हिस्सों में बर्फ और जबरदस्त ठंड पड़ती है,इसलिए पोलिंग पार्टी को कहीं-कहीं तो दो दिन तक बर्फ में पैदल चलकर मतदान केंद्र पहुचती है।यह बात अलग है कि सरकार उनके रहने-खाने और आने-जाने का पूरा इंतजाम करती है। निकलते तो वोटर भी ठंड में ही हैं मतदान करने मगर हर दो किमी पर मतदान केंद्र होने से उन्हें ज्यादा नहीं चलना पड़ता और फिर वे अपने घर लौट ही जाते हैं।”
मौसम से होने वाली परेशानियें पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय पहले से ही चुनावों की तारीखों पर आयोग से अपनी आपत्ति जता चुके हैं। बहरहाल ये तो तय ै कि अगर नेताओं को जो परेशानी हो वो माने न माने लेकिन अगर मतदान के दिन इस तरह का मौसम रहा तो मतदान के प्रतिशत में फर्क ज़रूर पड़ सकता है।