नई दिल्ली, क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिस पर किसी का मालिकाना हक नहीं होता है। यह दो लोगों के बीच में होता है।यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।
सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। 2009 से लेकर वर्तमान समय तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं, जो पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है। बिटकॉइन के अलावा भी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं ।जिनका प्रयोग आजकल अधिक हो रहा है, जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो।
क्रिप्टो करेंसी के लाभ
क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक हैं और घाटा कम। पहला, क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसमें धोखाधड़ी की उम्मीद ना के बराबर है।अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। लिहाजा, निवेश के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। तीसरा, अधिकतर क्रिप्टो करेंसी के वॉलेट उपलब्ध हैं जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन सरल हो चुका है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता। मतलब कि ना तो इस करेंसी के नोट छापे जा सकते हैं और न ही कोई बैंक अकाउंट या पासबुक जारी की जा सकती है। दूसरा, इसको कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है। तीसरा, इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने हटा दिया है। सुनवाई के दौरान क्रिप्टो करेंसी पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से लगाए गए बैन को हटाने का आदेश सुनया गया है। आरबीआई ने 2018 में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग से जुड़ी वित्तीय सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।