गोपेश्वर। चमोली जिले की निजमूला घाटी के सुदुरवर्ती गांव पाणा जूनियर हाईस्कूल में अध्ययनरत बच्चे गोपेश्वर, जोशीमठ आये और यहां सड़कों पर सरपट दौडते वाहनों को पहली बार देखा तो रोमांचित हो उठे। बड़ी बस में बैठकर बच्चे और भी अधिक उत्सुक हो गये। जब पीपलकोटी में नास्ते में समोसा खाने को मिला तो कहा ये क्या है। पाणा गांव सड़क से नौ किमी पैदल दूरी पर है।
शैक्षणिक भ्रमण के तहत विद्यालय के अध्यापकों के साथ भ्रमण पर निकले पाणा जूनियर हाईस्कूल के 32 बच्चों में से 24 बच्चों ने पहली बार गाडियां देखी। बडी बस में लगे सुरक्षा बैक शिशे देख कहा ये सिंग है क्या। गोपेश्वर शहर में जब सड़कों पर स्कूटी चलाती महिलाओं और लड़कियों को देखा तो स्कूटी चलाती महिलाओं को रोका और स्कूटी छूई भी। स्कूटी में चलाती महिलाओं को कहा कि डर तो नहीं लगता।
समोसा पहली बार देखा और खाया। बच्चे बताते है उनमें से अधिकांश बच्चों ने समोसा देखा और बड़ी रूचि से उन्हें खाया भी। विद्यालय के प्रधानाचार्य एमएल सक्सेना और अध्यापक जितेंद्र नेगी ने बताया कि इन बच्चों को पीपलकोटी में टीएचडीसी का भी भ्रमण करवाया। एटीएम क्या होता है कैसे पैसे निकलते है इसे देख बच्चों ने आश्चर्य प्रकट किया।
संसाधन से दूर भले ही हो मगर ज्ञान में ये बच्चे कुछ कम नहीं
गोपेश्वर आयी शिवानी, राहुल, कविता, अर्चना को गांव के प्रधान से लेकर देश के प्रधान तक का नाम त्वरित आ जाता है। डीएम, एसपी हो या सीएम अथवा राज्यपाल इनके नाम तुरंत बता देते है। गणित और विज्ञान के फार्मुले भी बच्चे जिस तेजी से बताते है वह आश्चर्य प्रकट करता है।
पहली बार रोपवे में भी बैठे। शैक्षिण भ्रमण पर आये इन बच्चों के साथ दुर्मी प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक उमेश थपलियाल, पाणा के जगदीश बत्र्वाल कहते है कि औली के भ्रमण के लिए ये बच्चे जब पहली बार रोपवे में बैठे तो उसकी तकनीकी की बारे में भी आपरेटर से जिज्ञासा वश बहुत सवाल किये और रोमांचित हुए। गोपेश्वर मंदिर में श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना के बाद मंदिर के पुरातत्व के बारे में भी जानकारी दी। गौरतलब तथ्य यह भी है कि इनमें से अधिकांश बच्चों के माता-पिता खेती किसानी ही करते है।