देहरादून। उत्तराखंड से संसदीय चुनाव में जीते पांचों सांसद केंद्रीय मंत्री बनने की योग्यता रखते हैं। यह बात अलग है कि पहली बार केन्द्र सरकार में उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व मिलता है या नहीं लेकिन पांचों सांसद पूरी तरह मंत्री बनने की योग्यता रखते हैं। अनुभव और वरिष्ठता की दृष्टि से देखा जाए तो सर्वाधिक वरिष्ठ लोगों में डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक का नाम शामिल किया जा सकता है।
डाॅ. पोखरियाल उत्तर प्रदेश में दो बार मंत्री तथा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ दूसरी बार लोकसभा पहुंचे। पहली बार उन्होंने वर्ष 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को भारी मतों से पराजित किया था और इस बार डाॅ. निशंक ने अम्बरीष कुमार जो घाट-घाट का पानी पी चुके वरिष्ठ नेताओं में से हैं, सपा के बाद कांग्रेस में आये और अच्छे जनाधार वाले नेता है लेकिन डाॅ. निशंक ने उन्हें भी लगभग दो लाख 90 हजार मतों से धूल चटाई।
यही स्थिति उत्तराखंड में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की है। भट्ट उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में स्वास्थ्य जैसे आधा दर्जन विभागों के मंत्री रहे हैं और उन्होंने सरकार के मंत्री के रूप में भाव और प्रभाव छोड़ा हैं। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जहां उन्होंने भाजपा को 57 सीटें विधानसभा में जिताई, वहीं उन्हीं के कार्यकाल में एक बार फिर प्रदेश की पांचों सीटें भाजपा की झोली में गई है। अजय भट्ट ने कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को पराजित किया।
पहले दौर से ही अजय भट्ट ने बढ़त बनाई तो अंत तक बढ़त चलती रही, जबकि हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव है। उन्हें उनके ही गढ़ में पराजित करना बड़ा कठिन काम था लेकिन अजय भट्ट ने यह काम कर दिखाया है। ठीक यही स्थिति पौड़ी प्रत्याशी तीरथ सिंह की भी हैं जहां उन्होंने 68.25 प्रतिशत मत लेकर कांग्रेस प्रत्याशी एवं भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री भुवनचंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी को बुरी तरह पराजित किया। मनीष खंडूरी मात्र 27.51 प्रतिशत मत ही प्राप्त कर सके। मनीष खंडूरी को भरोसा कि वह अपने पिता के नाम से ही जीत जाएंगे लेकिन तीरथ सिंह रावत ने अपने कार्य एवं व्यवहार से अपनी जीत निश्चित की।
तीरथ सिंह रावत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री रहने के साथ-साथ पहली सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रुप में भी अच्छा कार्य किया है। वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव के रूप में वह अमित शाह की टीम के सदस्य हैं।
ठीक यही स्थिति टिहरी राजलक्ष्मी की है। वह महिला होने का लाभ ले सकती हैं तथा तीसरी बार लोकसभा सदस्य बनी हैं। उन्होंने भी उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह को धूल चटाई, ठीक यही स्थिति अल्मोड़ा के प्रत्याशी एवं केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा की है जहां उन्होंने राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा को 64 प्रतिशत से अधिक मत लेकर 30 प्रतिशत पर धकेल दिया, वहीं मंत्री के रूप में भी उनकी अच्छी पहचान बनी है।
उत्तराखंड के पांचों महाराथी योग्यता और वांछित व्यवस्थाओं से भरपूर है। यह देखना होगा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में किसे स्थान मिलता है। आखिर उत्तराखंड से मोदी सरकार में कौन सा सांसद मंत्री बनेगा। जातीय और भौगोलिक समीकरणों के आधार पर इस रेस में नैनीताल से सांसद बने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट बाकियों से बीस नजर आ रहे हैं।
एक प्रश्न के जवाब में अजय भट्ट ने सीधा जवाब नहीं दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि पार्टी ने जब भी जो जिम्मेदारी दी है उसे जिम्मेदारी से निभाई है। अजय भट्ट ने कहा कि, “सब कुछ पूर्व निर्धारित है, उन्होंने सब कुछ प्रभु पर छोड़ दिया है। जहां प्रभु ले जाएंगे, वहां जाएंगे।”