खदरी में नहीं थम रहा जंगली जानवरों का आतंक

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ऋषिकेश, श्यामपुर न्याय पंचायत की ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के खादर क्षेत्र से जंगली जानवरों का आतंक समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर स्थानीय किसान रातभर जागकर खेतों में रात बिताने को मजबूर हैं वहीं दूसरी ओर जंगली जानवर कहीं से भी बाड़ तोड़कर खेतों को अपना निशाना बना रहे हैं।

गुरुवार की देर रात जंगली जानवरों के एक दल ने कई किसानों के खेतों को अपना निशाना बनाते हुए कई बीघा धान की फसल रौंद डाली। एक ओर जंगली हाथी ने बाड़ तोड़कर खेतों में प्रवेश किया तो दूसरी ओर जंगली सुवरों ने खेतों को अपना निशाना बनाया।

खेत में पहरा दे रहे किसान फतु सिंह ने बताया कि वह आधी रात को खेत में थे तो उन्हें बाड़ टूटने की आवाज आई उन्होंने रोशनी कर देखा तो जंगली हाथी ग्रामीणों के खेत की बाड़ तोड़कर सामने खेत में घुस आया था जो कि शोर मचाने के बाद भी नहीं भागा। बड़ी मशक्कत के बाद किसान पटाखे फोड़कर हाथी को भगाने में सफल रहे, लेकिन तब तक हाथी बहुत फसल चट कर चुका था।

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक स्थायी रूप से सुरक्षा दीवार नहीं बन जाती है, वन विभाग को अस्थाई वन सुरक्षा चौकी का प्रबंध करना चाहिए। जिन लोगों की धान की फसल जंगली जानवरों द्वारा नष्ट की गई है उनमें भगवती प्रसाद रयाल, विनोद जुगलान, ऋषि राम रयाल, विमला देवी, जनार्दन प्रसाद, बलबीर सिंह, पन्ना लाल, कुंदन सिंह, कल्याण सिंह, चन्दन सिंह, शूर वीर सिंह, राय सिंह, प्रकाश पटवाल प्रमुख बताए गये हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से फसल सुरक्षा सहित क्षतिग्रस्त फसल के मुआवजे की मांंग की है।