गोपेश्वर, चमोली जिले के जोशीमठ ब्लाॅक के छह गांवों में इन दिनों काश्तकार सूअरों के आतंक से परेशान हैं। यहां काश्तकार अपनी खेतों और फसलों की सुरक्षा के लिए रात्रि में जागने को मजबूर हैं। रात्रि के समय ढोल-दामाऊं और मशालों के साथ रात भर खेतों की चौकीदारी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन से सूअरों के आतंक से निजात दिलने की मांग की गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
जोशीमठ ब्लॉक के बडगांव, तपोवन, ढाक, सुनील, मेरग और परसारी गांवों में रात होते ही जंगली सूअरों के झुंड काश्तकारों के खेतों में घुसकर खेतों में बोई आलू, मटर और गेहूं की फसल को चौपट कर रहे हैं। साथ ही खेतों को खोद कर बर्बाद कर रहे हैं। जिससे काश्तकारों में खासी निराशा है।
स्थानीय ग्रामीण देवेश्वरी, सरीता, नौमा देवी, बसंती देवी, गोविंद सगोई और दिलबर सिंह राणा का कहना है कि दिन में बंदर फसलों को नुकसान कर रहे हैं। साथ ही रात के समय सूअरों का आतंक बना हुआ है। ऐसे में काश्तकार अब खेती से विमुख हो रहे हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी धीरेंद्र सिंह का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत पर आबादी क्षेत्र में घुस रहे सूअरों को खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यदि इसके बावजूद भी सूअरों की दिक्कतें कम नहीं होती तो ग्राम प्रधानों से प्रस्ताव लेकर ग्रामीणों को सूअरों को मारने की अनुमति प्रदान की जाएगी।