हरिद्वार। भेल व आसपास के क्षेत्र में दहशत का पर्याय बन चुके टस्कर हाथी को आखिकार राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर ही लिया। चार दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मिली महकमें की टीम को सफलता हाथ लगी। टस्कर हाथी को भेल के मैटीरियल गेट के नजदीक मैदान में ट्रेंकुलाइज किया गया। बता दें कि राजाजी की चीला रेंज अब ये टस्कर हाथी तीन लोगों को मौत की घाट उतार चुका है और दर्जनभर लोगों को घायल कर चुका है।
मौत का पर्याय बन चुके टस्कर हाथी को आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद ट्रेंकुलाइज किया गया। टस्कर हाथी को ट्रेंकुलाइज करने के लिए वन और राजाजी टाइगर रिजर्व की टीमें पिछले चार दिनों से लगी हुई थी। हाथी को पकड़ने के लिए कई दिनों से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था। साथ ही टस्कर हाथी को पकड़ने के लिए चीला रेंज से दो हाथियों को भी लाया गया था।
आखिरकार शुक्रवार को भेल के मैटीरियल गेट पास के मैदान में टस्कर हाथी को ट्रेंकुलाइज किया गया। जिसके बाद वन और राजाजी टाइगर रिजर्व की टीम ने राहत की सांस ली। हाथी के डर से भेल के लोगों ने सुबह के समय टहलना भी बंद कर दिया था। इससे पहले भेल के अधिकांश लोग शुद्ध हवा एवं ताजा वातावरण में रोजाना टहलते थे, लेकिन जब से हाथी ने एक भेलकर्मी को कुचलकर मौत के घाट उतारा, तब से राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से गुजर रहे भेल के सेक्टर टू के मार्ग से लोगों ने सैर करना बंद कर दिया था। लोग हाथी के पुनः भेल क्षेत्र में आ जाने के कारण दहशत के साये में जीने को मजबूर थे।