विंग कमांडर अभिनंदन का बाल भी बांका नहीं कर सकता पाकिस्तान

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नई दिल्ली,  पाकिस्तान में बंदी बनाए गए भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन का पाकिस्तान बाल भी बांका नहीं कर सकता। अगर उनके साथ कोई भी अनहोनी होती है तो पाकिस्तान को मुसीबतों का सामना करना पड़ जाएगा।

युद्ध के समय मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध(1949) के बाद अंतरराष्ट्रीय जिनेवा संधि की गई थी। इस संधि के तहत युद्ध के दौरान गिरफ्तार किए गए सैनिकों को डराया, धमकाया या उनका अपमान नहीं किया जा सकता।

युद्धबंदियों पर या तो मुकदमा चलाया जाएगा या फिर युद्ध के बाद उन्हें वापस लौटा दिया जाएगा। पकड़े जाने पर युद्धबंदियों को अपना नाम, सैन्य पद और नंबर बताने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में विंग कमांडर को वापस भेजना ही होगा। सूत्रों ने बताया कि विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तानी अधिकारियों को यह भी बता दिया है कि उनका सर्विस नंबर 27981 है| ऐसे में अगर पाकिस्तान ने उनके साथ कोई भी अमानवीय कृत्य किया तो इसका भुगतान उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करना होगा।

बुधवार को पाकिस्तान ने यह दावा किया था कि उसने दो भारतीय पायलटों को बंदी बनाया है, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि केवल विंग कमांडर अभिनंदन को ही गिरफ्तार किया गया है। भारत सरकार ने भी इसकी पुष्टि की है। पाकिस्तानी सेना ने विंग कमांडर की विडियो भी जारी की है। सरकार ने पाकिस्तान से उन्हें जल्द से जल्द भारत भेजने की मांग की है।

जेनेवा संधि से जुड़ी खास बातें-
– युद्धबंदियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
– संधि के तहत युद्धबंदियों को खाना-पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जानी चाहिए।
– संधि के मुताबिक, किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता।
– युद्धबंदियों को डराया-धमकाया नहीं जा सकता है।
– युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जा सकता।
– यह संधि किसी देश के सैनिक के पकड़े जाने पर लागू होती है। फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष।
– इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जानी चाहिए।