उत्तराखंड चुनाव के नतीजे सबके सामने हैं और बीजेपी खेमे में इस वक्त खुशी का माहौल है,और खुशियां मनाने की वजह है उनकी शानदार जीत।
इस जीत से एक बात तो साफ हो गई इस विधानसभा चुनाव में युवा और महिला मतदाताओं ने जमकर वोटिंग की हैं। 70 सीटों के चुनाव में कुल 5 महिलाओं ने जीत हासिल की है जिसमें से 3 बीजेपी प्रत्याशी हैं और 2 कांग्रेस की।आपको बता दें कि प्रदेश में कुल 637 उम्मीदवारों ने मैदान में अपना भाग्य अजमाया जिसमें से 62 महिला भी चुनाव लड़ रही थी।इस विधानसभा चुनाव में महिलाएं इतनी कम संख्या में चुनाव मैदान में थी।
जीतने वाली महिला प्रत्याशियों मेः
- सोमेश्वर रेखा आर्य (बीजेपी)
- मीना गंगोला गंगोलीहाट (बीजेपी)
- रितु खंडूरी यमकेश्वर (बीजेपी)
- इंदिरा हृदयेश हल्द्वानी (कांग्रेस)
- ममता राकेश भगवानपुर (कांग्रेस)
कांग्रेस विधायक एवम् पूर्व कैबिनेट मंत्री इंदिरा हृदयेश ने चुनाव जीतने के बाद कहा कि वह खुश है कि वह जीती लेकिन अपनी जीत के कम अंतर से वो नाखुश है,इसके साथ ही हृदयेश ने कहा जीत के मायने नही होते है विकास कार्य के होते हैं।पार्टी की बड़ी हार पर उन्होंने कहा कि विकास और भ्रम की लड़ाई में भ्रम की जीत हुई है,लेकिन जनता का जनादेश सर्वमान्य है और पार्टी की हार की समीक्षा की जाएगी।
इसके अलावा हरिद्वार की भगवानपुर प्रत्याशी दो मैदान में लड़ाई लड़ रही थी,एक चुनावी मैदान और दूसरा पारिवारिक मैदान।गौरतलब है कि ममता राकेश अपने देवर सुबोध राकेश(बीजेपी) के खिलाफ भगवानपुर से चुनावी मैदान में लड़ाई लड़ रहीं थी।ममता राकेश चुनावी मैदान में तो विजय का बिगुल बजा चुकी ही हैं साथ ही कांग्रेस से जीतने वाले दो प्रत्याशियों में भी इंदिरा हृद्येश के साथ ममता ने अपना नाम भी जोड़ लिया है।
इसके साथ ही यमकेश्वर सीट पर टिकट बंटवारे को लेकर जो जंग छिड़ी थी उसको लेकर कहीं ना कहीं अब पार्टी में सुकुन का माहौल होगा,रितु खंडूड़ी ने अपने राजनितिक कैरियर की शुरुआत कर दी है और शुरुआत में ही मिली जीत से भाजपा के साथ साथ रितु का कांफिडेन्स भी सातवें आसमान पर होगा।