(गोपेश्वर) ईराणी गांव निवासी भवानी देवी पत्नी रमेश सिंह की पत्नी की शुक्रवार रात तबियत खराब हो गई। गांव में सड़क न होने के कारण उन्हें पूरी रात घर पर गुजारनी पड़ी। शनिवार सुबह गांव के युवाओं ने कुर्सी की पालकी बनाकर उन्हें कंधों में लाद कर 10 किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया। यहां से भवानी देवी को जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया।
स्थानीय निवासी दिनेश सिंह, ताजबर सिंह और मदन सिंह का कहना है कि राज्य निर्माण के बाद से सरकारों की ओर से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और सड़क सुविधा के विस्तार के दावे किये जा रहे हैं लेकिन निजमूला घाटी में सरकारों के दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं। इससे पूर्व भी जिले के गैरसैंण के सेरा-तेवाखर्क में भी उपचार कर गांव लौटे बीमार ग्रामीणों को कंधों में ढोकर गांव पहुंचाया गया है।