पुलिस टीम मुखबिर को भी साथ ले गई। महिला ने पुलिस टीम को देखा तो वह कंधे पर लटके बैग को साड़ी के पल्लू से छिपाने लगी। सूचना पर तत्कालीन एएसपी पी रेणुका देवी व एसआइ मोहम्मद अकरम भी पहुंच गए। महिला विजेता उर्फ विजललक्ष्मी को पकड़ लिया गया। उसके पास पांच किलो 104 ग्राम चरस निकली। पुलिस ने एनडीपीएस में मामला दर्ज करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा। एसआइ अकरम द्वारा चरस को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी घनश्याम पंत द्वारा पांच गवाह पेश किए गए।
उन्होंने अदालत में सुप्रीम कोर्ट की करनैल सिंह बनाम राजस्थान सरकार की क्रिमिनल लॉ से संबंधित नजीर पेश की। जिसमें कहा गया है कि एनडीपीएस केस हत्या व हत्या के प्रयास के अपराध से भी अधिक गंभीर है। एडीजीसी ने महिला होने के बाद भी तस्करी करने को और भी गंभीर बताते हुए कठोर सजा की मांग की। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलील सुनने तथा साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने विजेता उर्फ विजललक्ष्मी, पत्नी मुन्ना सोनकर, मोहल्ला गांधीनगर हल्द्वानी को सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।