खुद तैयार कर मुफ्त फेस मास्क वितरित कर रहा मुस्लिम महिलाओं का स्वयं सहायता समूह

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कोरोना की विश्वव्यापी महामारी से बचने-बचाने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए लोग अपनी-अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यालय के निकट ज्योलीकोट में मदनी स्वयं सहायता समूह के द्वारा सूती कपड़े से फेस मास्क तैयार किये जा रहे हैं, और इन्हें जरूरतमंदों को बांटा जा रहा है। साथ ही लोगों को कोरोना से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर रुमाल की जगह इन्हें पहनने की सलाह दी जा रही है।
संस्था से जुड़े शहनवाज सिद्दीकी ने बताया कि उनकी माता शहनाज परवीन की अध्यक्षता वाली यह मदनी स्वयं सेवी संस्था सामान्यता महिलाओं को सिलाई, बुनाई आदि के स्वरोजगार प्रशिक्षण देने का कार्य करती है। इधर कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर संस्था से जुड़ी करीब 15-20 स्थानीय ग्रामीण महिलाएं सूती कपड़े की दोहरी व तिहरी परत बनाकर और उसमें इलास्टिक लगाकर फेस मास्क तैयार कर रही हैं। पिछले तीन दिनों में संस्था करीब 250 फेस मास्क लोगों को वितरित कर चुकी है। लोगों से हर रात्रि इन फेस मास्क को धो लेने एवं सुबह फिर बाहर जाने पर पहन लेने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इलास्टिक उपलब्ध कराने में हल्द्वानी की स्वयं सेवी गीता बिष्ट ने भी मदद की है। इन फेस मास्क का स्वास्थ्य एवं चिकित्सकीय दृष्टिकोण से परीक्षण नहीं कराया गया है, फिर भी रुमाल जैसे अस्थाई उपायों के मुकाबले ये अधिक कारगर होने के दावे किए जा रहे हैं।