मातृशक्ति कर सकती है भाजपा का बेड़ा पार

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    भाजपा

    विधानसभा चुनाव में क्या होगा यह तो 10 मार्च को पता चलेगा, लेकिन समीक्षकों का मानना है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार महिला मतदाता भाजपा का बेड़ा पार कर सकती है।

    यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभाओं में महिलाओं के समर्थन और भीड़ को देखकर लंबे समय से चर्चाओं में हैं। इस संदर्भ में भाजपा नेता सांसद राज्यसभा नरेश बंसल का मानना है कि इस बार ही नहीं हर बार मातृ शक्ति ने नरेन्द्र मोदी पर विश्वास किया है और मोदी का जादू उत्तराखंड में बरकरार है।

    भाजपा के अधिकांश नेताओं मनवीर चौहान, शादाब शम्स, रविन्द्र जुगरान का भी यही कहना है कि भाजपा की जीत के लिए मोदी का काम और नाम ही काफी है। यानी कि केंद्र सरकार की योजनाएं और प्रधानमंत्री का चुनाव प्रचार इसके सत्य को अगर टटोलकर देखा जाए तो इसमें काफी हद तक सच्चाई भी नजर आती है। इसकी तह तक जाने के लिए राज्य भ्रमण के दौरान जब प्रदेश के मतदाताओं का मन टटोलने का प्रयास किया गया तो प्रदेश की महिला मतदाताओं से यही सुनने को मिला कि मोदी सरकार ने जो काम किए हैं, वह काम अब तक किसी ने भी नहीं किये।

    उनसे जब कामों के बारे में बात की गई तो उन्होंने हर घर नल से लेकर शौचालय, गैस कनेक्शन और मुफ्त राशन से लेकर छात्राओं को दिए जाने वाले अनुदान, विधवा पेंशन तक अनेक बातों का जिक्र किया। इन महिलाओं को भले ही कुछ योजनाओं के बारे में यह जानकारी तक नहीं थी कि वह केंद्र सरकार की है या राज्य सरकार की और वह सभी को मोदी की योजना ही कहती है।

    पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जो 70 में से 57 सीटें जीतने और 54 फीसदी से अधिक मत पाने का जो रिकॉर्ड बनाया था उसके पीछे मोदी ही सबसे अहम फैक्टर थे। भले ही वर्तमान चुनाव में मोदी मैजिक के न चलने की बात कही जा रही थी लेकिन मोदी के काम और नाम को लेकर उत्तराखंड की महिला मतदाताओं में अभी भी खास प्रभाव है। कई महिलाओं ने बातचीत में यहां तक कह दिया कि महिलाओं ने तो मोदी को ही वोट दिया है और मोदी ही जीतेंगे।

    राज्य में 82 लाख मतदाता हैं जिसमें से 39 लाख महिला मतदाता है। इस बार वोट का प्रतिशत 65 फीसदी से अधिक रहा है ऐसी स्थिति में अगर सिर्फ महिला वोटरों की संख्या की बात की जाए तो वह 20 लाख से अधिक होती है। इस 20 लाख के करीब महिलाओं में से अगर मोदी को वोट करने वाली मतदाताओं की संख्या अधिक है तो फिर भाजपा की नैया को यह महिला मतदाता जरूर पार लगा सकती है। और भाजपा लगातार दो बार सत्ता में आने का इतिहास रच सकती है। लेकिन इसका फैसला 10 मार्च को मतगणना पूरी होने पर ही पता चलेगा।