हरिद्वार। अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि महिला पहलवानों को भी पुरुष पहलवानों की तरह सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि वह भी पुरुष पहलवानों से कम मेहनत नहीं करती। रियो ओलंपिक में देश को कुश्ती में पहला कांस्य पदक दिलाने वाली साक्षी ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं की कुश्ती में कोई फर्क नहीं है, जिससे सम्मान में उनका बराबरी का हक बनता है। गुरुवार को हरिपुर कलां में अपने देवर वीर पहलवान के घर पहुंची। साक्षी का यहां पहुंचने पर शुक्रवार को राधा-कृष्ण धाम में लोगों ने स्वागत किया। इस दौरान साक्षी मलिक ने युवाओं से पहलवानी के क्षेत्र में आगे आने की अपील की।
उन्होंने कहा कि युवाओं में तमाम प्रतिभाएं छिपी होती हैं। बस जरूरत है तो उसे निखारने की। पहलवानी के साथ अन्य खेलों में भी युवा अपना भविष्य बना सकते हैं। कहा कि यदि युवाओं को सही मार्ग दर्शन मिल जाए और उनमें कुछ कर गुजरने की ललक हो तो कोई काम मुश्किल नहीं होता। कहा कि खेलों में भी आज उज्ज्वल भविष्य है। युवाओं को समय-समय पर होने वाले खेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे भी वह पहलवानी में देश के लिए खेलती रहेंगी और पदक दिलाती रहेंगी।