कोलकाता की पर्वतारोही महिलाओं ने अननेम्ड पीक पर किया फतह

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    कलकत्ता से आए महिलाओं के 10 सदस्य दल ने छह सितंबर को वासुकीताल के समीप 6275 मीटर ऊंचाई वाली नई चोटी (अननेम्ड पीक)पर आरोहण कर तिरंगा लाहराया। जिस चोटी का दल ने आरोहण किया है, उस चोटी का अभी तक कोई नाम नहीं दिया गया है। इसलिए इसे पर्वतारोही अननेम्ड पीक कहते हैं।

    27 अगस्त को कलकता से आए दस महिलाओं का दल स्नो स्पाइड ट्रेक एंड टूर के गाइड विष्णु सेमवाल के नेतृत्व में गंगोत्री के लिए रवाना हुआ। उसके बाद दल ने भोजवासा, गोमुख, नंदनवन और वासुकीता के लिए आरोहण किया। छह सितंबर को दल वासुकीताल के समीप 6275 मीटर ऊंचाई वाले शिखर पर तिरंगा लाहराया। दल ने फतह करने वाली चोटी को अभी कोई नाम नहीं दिया। आईएमए दिल्ली द्वारा पत्रचार के बाद सप्ताहभर के अंदर चोटी का नामकरण किया जाएगा। दल में दो गाइड, तीन स्टाफ और पांच पोर्टर शामिल थे। दल का यह करीब दो सप्ताह का आरोहण था। दल में शामिल सदस्य दल की अध्यक्ष महुआ विश्वास कष्टम विभाग, स्वरूपा मोडुल, उन्नति पांडेय, लक्ष्मी घोष, अमृतादास, सुप्रिया देई और मोमिता घोष छात्रा हैं, वंदना कलकता पुलिस विभाग, सुजाता भट्टाचार्य शिक्षिका और साथ सक्षमुख कलकता की एक कंपनी में कार्यरत है। टीम अध्यक्ष महुआ विश्वास ने बताया कि टीम में लड़कियों ने दो तीन बार हिमाचल और सिक्किम में पर्वतारोहण किया है। इसके लिए दल सदस्यों ने कलकत्ता में विशेष परीक्षण भी लिया है। परीक्षण लेने के बाद ही हम लोग पर्वतारोहण के ‌लिए निकलते है। उन्होंने कहा कि समाज में लोगों ने लड़कियों के प्रति गलत सोच पैदा कर दी है। लेकिन लड़कियों के दल करीब छह हजार मीटर ऊंचाई वाले पर्वत पर फतह कर समाज को संदेश दिया है कि हम भी किसी से कम नहीं है।