देहारादून, पुलिस लाइन देहरादून स्थित सभागार में सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की रोकथाम के लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में सोशल मीडिया (वाटसऐप के माध्यम से ) पर प्रचारित होने वाली फेक न्यूज व साम्प्रदायिक संदेशों की रोकथाम के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को जानकारी दिया गया।
कार्यशाला में डिजिटल इंपावरमेंट फाउंडेशन नई दिल्ली संस्था के सोशल मीडिया विशेषज्ञ रवि गुरिया ने पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी गणों को बताया कि जो संदेश वाट्सऐप के माध्यम से प्रसारित किए जाते हैं उनकी सत्यता का पता कैसे लगाएं एवं कैसे असत्य संदेशों को आगे प्रसारित होने से रोकें।
फोटो और वीडियो पर जल्द यकीन न करें
कार्यशाला में बताया गया कि फोटो, ऑडियो और वीडियो लोगों को गुमराह करने के लिए भी भेजे जाते हैं, उनमें दिखाया गया घटनाक्रम हमेशा सच नहीं होता। अगर खबर सच्ची होगी तो अवश्य ही किसी न्यूज़ चैनल/ अखबारों या रेडियो पर भी दिखाई या सुनाई जाएगी। इसलिए खबर की सच्चाई का पता लगाएं। जब कोई खबर कई जगह छपती है तो उसके सच होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
थोडे अलग दिखने वाले संदेशों से सावधान रहें
सोशल मीडिया से मिलने वाले संदेशों या वेबसाइट्स के लिंक में अगर गलत स्पैलिंग होती है तो उनमें शामिल खबर झूठी हो सकती है। इन संकेतों को देखें ताकि आप पता लगा सकें कि जानकारी सही है या नहीं। किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले तत्थों की अच्छे से जांच कर लेनी चाहिए।
अफवाहों को फैलने से रोकें
अगर किसी संदेश पर आशंका हो तो संदेश प्रेषक से संदेश के का प्रमाण मांगना चाहिए। प्रमाण न मिलने पर उन्हें ऐसे संदेश भेजने से मना करें। अगर कोई ग्रुप में या कोई व्यक्ति बार-बार अफवाहें या झूठी खबरें भेजता है तो उसकी रिपोर्ट करें। साथ ही ऐसे संदेशों को आगे कहीं भी फारवर्ड ना करें।
पुलिस ने जनता से अपील है यदि आपको किसी प्रकार का वीडियो, फोटो, संदेश प्राप्त होते है और संदिग्ध लगते है तो 09825255790, 07700906111 इन नम्बरों से स्वयं सम्पर्क कर सत्यापित करवा सकते हैं।