उत्तराखंड स्थित विश्व धरोहर ‘फूलों की घाटी’ तक जाने वाला मार्ग को कोरोना काल की वजह से खोलने का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। यहां का रास्ता नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से जाता है। पूरे मार्ग पर भारी ग्लेशियर पसरे हैं। हर तरफ बर्फ ही बर्फ है। हर वर्ष फूलों की घाटी की यात्रा एक जून से शुरू होती रही है।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इन्हें देखने के लिए देश-विदेश के हजारों सैलानी पहुंचते रहे हैं। अगर लॉक डाउन नहीं होता तो अब तक मार्ग के बड़े हिस्से से ग्लेशियर हटाए जा चुके होते। पार्क के कर्मचारी कभी-कभी इस मार्ग पर सीमित आवाजाही कर रहे हैं। सुगम मार्ग के अभाव में आम लोगों का यहां पहुंचना जोखिम भरा है। हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर मार्ग भी यहीं से जुड़ा हुआ है।
नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ के रेंज अधिकारी बृजमोहन भारती का इस संबंध में कहना है कि लाॅक डाउन खुलने के बाद फूलों की घाटी जाने वाले मार्ग से बर्फ व ग्लेशियर काट कर रास्ता बनाये जाने का काम शुरू किया जाएगा। फूलों की घाटी को 1 जून को खोल दिया जाएगा।