जानकी चट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री तक रोपवे निर्माण की मंजूरी मिलने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार स्वयं पीपीपी मोड पर अब इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी।
सरकार स्वयं पीपीपी मोड पर अब इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी। 3846 मीटर लंबाई के इस रोपवे का निर्माण यूरोपीय मानको के अनुसार फ्रांस और स्विट्जरलैंड की तर्ज पर किया जाएगा।
इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 पर्यटकों को ले जाने की होगी। रोपवे के एक कोच में आठ लोगों को ले जाने की क्षमता है। इस प्रोजेक्ट को पर्यटन विभाग स्वयं पीपीपी मोड पर संचालित करेगा। इससे प्रदेश के राजस्व के खजाने में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट की आय का 17.10 फीसदी हिस्सा आएगा।
इस कड़ी में यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था, रेस्टोरेन्ट आदि निर्माण प्रस्तावित है। 166.82 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टयेर भूमि पर बनाया जाएगा। अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा। इस रोपवे का निर्माण तीन वर्ष के अन्दर पूरा किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कैबिनेट बैठक में यमुनोत्री रोपवे के निर्माण को स्वीकृति मिलने से निश्चित रूप से पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही इसके साथ ही पर्यटकों को भी बेहतर सुविधा मिलेगी।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री तक रोपवे निर्माण को कैबिनेट बैठक में स्वीकृति मिल गई है। इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।