उत्तराखंड में टैलेंट की किसी तरह की कमी नही है। जहां चाह वहां राह की मिसाल बन गये है ऋषिकेश के सागर रावत। 26 साल के सागर ऋषिकेश के रहने वाले हैं और उन्होंने ग्राफिक एरा यूनिर्वसिटी से बी.टेक किया है। सागर ने कम उम्र में ही अपनी एल.ई.डी लाईट बनाने की कपंनी खोलने पर काम करना शुरु कर दिया था। सागर ने ल्यूमेनसन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी से अपने काम की शुरुआत की और आगे बढ़ते गए। ल्यूमेनसन प्राइवट लिमिटेड में सागर अलग-अलग तरह के एल.ई.डी लाईट्स बनाते हैं। गौरतलब है कि शायद ल्यूमेनसन राज्य की पहली ऐसी कंपनी होगी जिसे इतनी कम उम्र का युवा अपने बल-बूते पर चला रहा है।
सागर से बातचीत मे उन्होंने बताया कि “मार्च 2017 से शुरु हुई हमारी कंपनी एल.ई.डी के मार्केट मे अच्छा काम कर रही है। एक डेढ़ लाख की लागत से शुरु हुई कंपनी का टर्नओवर 70 लाख से भी ज्यादा है। बाजार के विश्वसनीय और भरोसेमंद विक्रेताओं से खरीदे जाने वाले रॉ मैटेरियल को हम उत्पादन प्रक्रिया में इस्तेमाल करते है। एडवांस टेक्नोलॉजी के आधार पर बनाए हमारे प्रोडक्ट की कम बिजली खपत के लिए इसकी सराहना की जाती है। हमारे प्रोडक्ट बहुत गर्मी के मौसम में भी टिकाऊ है, विश्वसनीय सेवा, लंबे समय तक इस्तेमाल में आने वाले और बहुत कम रखरखाव में भी बेहतर सुविधा देने वाले हैं।” सागर ने बताया कि हमारे पास करने वाले ज्यादातर लोग स्कील इंडिया से लिए गए है और साथ ही कुछ ऐसे लोग भी जिनको रोज़गार की जरुरत थी।
अपने काम में जी जान लगाने वाले सागर ने इससे पहले अपने साथी के साथ मिलकर बीटेक के दौरान एक ऐसे रोबोट का आविष्कार किया था जो आपदा से बचाने मे मददगार साबित हो सकता है। इस उपलब्धि के लिए सागर और उनके साथी को आईआईटी रुड़की में दूसरा स्थान भी मिला था। साथ ही सागर ने देहरादून के ग्राफिक एरा यूनिर्वसिटी को रोबोटिक कंपटीशन में आईआईटी मुंबई में छठे स्थान पर लाने का सौभाग्य भी प्राप्त किया था। अपनी पढ़ाई के दौरान ही सागर ने विकसित की गई टेक्नॉलजी के पैटेंट करा लिए थे और आज वह इसपर पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं।आपको बतादें बहुत ही कम उम्र में सागर के कुछ अंर्तराष्ट्रीय स्तर के रीसर्च पेपर भी पब्लिश हो चुके हैं।
अपनी कंपनी के बारे मे बात करते हुए सागर बताते है कि “कंपनी शुरु करने के पीछे सबसे बड़ा कारण था कि युवाओं के आइडिया को प्लेटफॉर्म देना जिसपर असल मे हम अभी काम कर रहे हैं”। उन्होने कहा कि ऐसे ही भारत को य़ुवाओ का देश नहीं कहा जाता सच मे देश के य़ुवाओं के पास मिलियन डॉलर के आइडिया हैं जरुरत है तो उसे सही जगह पर लागू करने की। सागर मानते हैं कि किसी भी पढ़ाई का प्रेक्टिकल एप्लिकेशन होना जरुरी है और मै अब वही कर रहा हूं जो हमेशा से पढ़ा और सोचा।
इस समय ल्यूमेनसन उत्तराखंड के दूर-दराज गांवों में अपने बनाए हुए एल.ई.डी प्रोडक्ट डिलिवर कर रहा है इसके अलावा बहुत से एनजीओ, स्कूल और ग्राउंड मे इनकी कंपनी द्वारा बनाए गए एल.ई.डी प्रोडक्ट इस्तेमाल किए जा रहे हैं जिससे ना केवल शहरों मे बल्कि गांव मे भी रोशनी जा रही है। ल्यूमेनसन के सोलर उपकरण उन जगहों पर भी पहुंचाए जाते है जहां कम बिजली है। इसके अलावा एल.ई.डी के इस्तेमाल से बिजली की खपत तो कम होती है साथ ही पैसो की भी बचत होती है।
सागर आगे चलकर कंपनी को एक बड़े स्तर पर विकासित करना चाहते हैं जिससे और ज्यादा से ज्यादा लोगो को रोजगार दिया जा के। ल्यूमेनसन के पास एल.ई.डी से संबंधित लगभग सारे प्रोडक्ट है चाहे वह एल.ई.डी लाइट्स, एल.ई.डी बल्ब,सोलर होम लाइट सिस्टम,स्ट्रीट लाइट,एल.ई.डी ट्यूब लाइट फिक्सचर,सोलर पावर प्लांट आदि हो।
न्यूज़पोस्ट सागर रावत को आने वाले समय के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता है।