मिसाल: यूथ फाउंडेशन के कारण 13 साल बाद नन्ही काजल ने रखा अपना पहला कदम

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”इन्सान का जूनून ही उसे आगे ले जाता है, अपनी कमियों से आगे, अपनी असफलता से आगे”

कुछ ऐसे ही जुनून की मिसाल है 12 साल की काजल। उखीमठ, रुद्रप्रयाग की रहने वाली काजल कोई साधारण बच्ची नहीं है। पैदा होने के बारह दिन बाद ही काजल एक हादसे में जल गई थी जिसके बाद उसके पैरों का निचला हिस्सा बेकार हो गया। इतने साल काजल को ये भी नहीं पता था की जमीन का स्पर्श क्या होता है। 12 दिन की इस लड़की ने बहुत कुछ झेला लेकिन उसकी मेहनत और लगन के कारण आज 13 साल बाद उसने जमीन पर अपना पहला कदम रखा।

काजल के लिये 13 सालों का यह सफर आसान नहीं था। बीतते समय के साथ वह उन्हीं पैरो के साथ बड़ी हुई, स्कूल भी जाने लगी। माँ या दादी उसको पीठ पर बिठाकर स्कूल ले जाते और लेकर आते थे।

11 मई 2018 के दिन यूथ फाउंडेशन को काजल के हालातों का पता चला। काजल के इस हालत को देखकर यूथ फाउंडेशन ने उसके ईलाज की जिम्मेदारी ली। दिल्ली से आई डॉक्टरों की टीम ने काजल को सोनप्रयाग में ही चेक किया और दिल्ली इलाज के लिए आने को कहा। यूथ फाउंडेशन टीम काजल को दिल्ली के लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल ले गयी जहाँ डॉक्टर आलोक सूद ने काजल का इलाज किया। काजल के दोनों पैरों के लिए कैलिपर जूते बनवाए गये और अब काजल ने कैलिपर के सहारे चलना शुरू कर दिया है।

काजल की माँ रेखा देवी जिसे काजल के पल-पल के दर्द का पूरा एहसास है, काजल को चलते हुए देखकर कहती हैं कि, “12 दिन की बेटी को कराहते हुए रोते देखना एक माँ के लिए मानो बहुत बड़ी सज़ा है और आज 13 साल की उम्र में जब उसने पहली बार जमीन पर कदम रखे तो यह मेरे जीवन का सबसे अनमोल पल है।” काजल की मां ने कहा कि आज यूथ फाउंडेशन और कर्नल अजय कोठियाल की वजह से एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ी है। उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल की वजह से मेरी बेटी एक बार फिर सामान्य जीवन जी सकेगी।

@youthfoundationuttarakhand